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February 24, 2025
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मानस जन्म अनमोल

– डॉ. इंदरजीत सिंघ गोगोआणी* कबीर मानस जनमु दुलंभु है होइ न बार बार ॥ जिउ बन फल पाके भुइ गिरहि बहुरि न लागहि डार ॥      (पन्ना १३६६ ) मनुष्य का जन्म बहुत कीमती है, परंतु कीमत का एहसास ज्ञान के बिना नहीं हो सकता । सतिगुरु ने बार-बार मानवता को सचेत किया […]

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February 24, 2025
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जैतो का मोर्चा

-श्री दलजीत राय कालिया* सिक्ख कौम का इतिहास कुर्बानियों और शहादतों का इतिहास है। शहीदों के सिरताज श्री गुरु अरजन देव जी, हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादर साहिब और सरवंशदानी श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी की अद्वितीय कुर्बानी की विलक्षण मिसाल है। समय-समय पर मेहनती सिंघों ने शहीदी परंपरा को आगे बढ़ाया है। […]

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February 24, 2025
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साका ननकाना साहिब

– बीबी अमरजीत कौर सिक्ख धर्म की नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी, जिसके सिद्धांत मर्यादा को गुरु साहिबान और उनके सिक्खों ने अमली जामा पहनाया। श्री गुरु नानक देव जी का फरमान है : जउ तउ प्रेम खेलण का चाउ ॥ सिरु धरि तली गली मेरी आउ ॥ इतु मारगि पैरु धरीजै […]

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February 19, 2025
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धर्म माता-पिता की गोद में खेलता है

प्रिं नरिंदर सिंघ ‘सोच’ (दिवंगत) (प्रिंसीपल नरिंदर सिंघ ‘सोच’ सिक्ख जगत के पाठकों के लिए किसी पहचान के मुहताज नहीं हैं। उनकी रचनाओं में नितांत गहराई तथा भाषा में सरलता है और लेखन शैली की अमीरी पाठकों की चेतना को अंदर तक स्पर्श करती है। प्रिंसीपल साहिब का ‘गुरमति प्रकाश’ (पंजाबी – मासिक ) के […]

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February 19, 2025
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गुरुद्वारा प्रबंध सुधार लहर की श्रृंखला में घटि साका गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब

-डॉ. रूप सिंघ* श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी ने गुरु-पिता श्री गुरु तेग बहादर साहिब की शहादत को ‘धरम हेत साका’ कहा है, जिससे ‘साका’ शब्द सिक्ख शब्दावली का अटूट हिस्सा बन गया है। साका का अर्थ है, कोई ऐसा कर्म जो इतिहास में प्रसिद्ध रहने लायक हो। विचित्र, अनोखी, अद्वितीय, अजीब घटना को साका […]

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February 19, 2025
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जैतो का मोर्चा

श्री दलजीत राय कालिया * सिक्ख कौम का इतिहास कुर्बानियों और शहादतों का इतिहास है। शहीदों के सिरताज श्री गुरु अरजन देव जी, हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादर साहिब और सरवंशदानी श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी की अद्वितीय कुर्बानी की विलक्षण मिसाल है। समय-समय पर मेहनती सिंघों ने शहीदी परंपरा को आगे बढ़ाया […]

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February 19, 2025
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विश्व-आध्यात्मिकता और शबद – गुरु सिद्धांत : गुरबाणी के संदर्भ में

-डॉ. जोरावर सिंघ* प्रस्तावना : संसार के समस्त प्राणियों में मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसे प्रकृति ने आध्यात्मिक जीवन जीने योग्य बनाया है। इसके अतिरिक्त अन्य प्राणी – मात्र भौतिक जीवन ही जी सकते हैं। मनुष्य की भौतिक क्रियाएं अन्य प्राणियों की भांति ही हैं । अध्यात्म के कारण ही मनुष्य अन्य प्राणियों से […]

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February 13, 2025
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गुरबाणी विचार फलगुणि श्री गुरु नानक देव जी

गुरबाणी विचार फलगुनि मनि रहसी प्रेमु सुभाइआ ॥ अनदिनु रहसु भइआ आपु गवाइआ ॥ मन मोहु चुकाइआ जा तिसु भाइआ करि किरपा घरि आओ ॥ बहुते वेस करी पिर बाझहु महली लहा न थाओ ॥ हार डोर रस पाट पटंबर पिरि लोड़ी सीगारी ॥ नाक मेलि लई गुरि अपण घरि वरु पाइआ नारी ॥१६॥ बे […]

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February 13, 2025
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गुरबाणी विचार फलगुणि श्री गुरु अरजन देव जी

गुरबाणी विचार फलगुणि अनंद उपारजना हरि सजण प्रगटे आइ || संत साई राम के करि किरपा दीआ मिलाइ ॥ सेज सहावी सरब सुख हुणि दुखा नाही जाइ ॥ इछ पुनी वडभागणी वरु पाइआ हरि राई || मिलि सहीआ मंगलु गावही गीत गोविंद अलाइ ॥ हरि जेहा अवरु न दिसई कोई दूजा लवै न लाइ ॥ […]

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February 12, 2025
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समाज-सुधार में क्रांति लाने वाले भक्त रविदास जी

-डॉ. कशमीर सिंघ ‘नूर’ जिस समाज में तथाकथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा अन्य लोगों के साथ अमानवीय, अति घटिया, पशुओं के तुल्य व्यवहार सदियों तक किया जाता रहा हो, उस समाज में भक्त रविदास जी के जन्म लेने की घटना अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथा क्रांतिकारी घटना थी । भक्त रविदास जी ऐसे महान भक्त, महान […]